• Make Advertisement
  • F.A.Qs
  • Support & Help Desk
Monday, June 16, 2025
  • Login
  • Register
अपना हक़
  • All News
  • Astrology
  • Business
  • Crime
  • Education
  • Environment
  • Politics
  • Sports
  • Technology
No Result
View All Result
  • All News
  • Astrology
  • Business
  • Crime
  • Education
  • Environment
  • Politics
  • Sports
  • Technology
No Result
View All Result
अपना हक़
No Result
View All Result
Home Notices & Announcement

डिंपल और अखिलेश यादव की शादी की 25वीं सालगिरह, जानिये दो सितारों के मिलन की अद्भुत कहानी

अखिलेश यादव और डिंपल यादव 24 नवंबर को अपनी शादी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस खास मौके पर की विशेष रिपोर्ट में जानिये इन दो सितारों के मिलन की अद्भुत कहानी

Sandeep singh by Sandeep singh
November 24, 2024
in Notices & Announcement
18 0
0
9
SHARES
18
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsApp

नई दिल्ली : भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद (Parliment) में एकसाथ दो सितारों का नयनाभिराम दृश्य हर किसी को आकर्षित और गौरवान्वित करने वाला होता है। 18वीं लोकसभा और देश की जनता भी संसद के ऐसे अद्भुत नजारे की गवाह है। दो सितारों के रूप में अखिलेश यादव और डिंपल यादव (Akhilesh Yadav and Dimple Yadav) ही मौजूदा संसद में एकमात्र ऐसी जोड़ी है, जो इस गरिमामयी पटल पर एकसाथ पहुंचे और एकसाथ विराजमान हुए।

आज से ठीक 25 साल पहले… 24 नवंबर 1999 को ही ये दो सितारे अखिलेश और डिंपल का जीवन भर के लिए मिलन हुआ और ये विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। तब शायद किसी को यह एहसास भी नहीं होगा कि एक दिन ये दोनों देश के राजनीतिक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ेंगे… वजह तब ये दोनों राजनीति से कोसों दूर थे। 

कल 24 नवंबर को अखिलेश और डिंपल के विवाह की 25वीं सालगिरह (Wedding Anniversary of Dimple and Akhilesh Yadav)  है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि  
अखिलेश यादव जहां एक राजनीतिक परिवार से आते हैं तो वहीं डिंपल एक सैन्य परिवार से आती हैं। अखिलेश के पिताश्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) दिग्गज राजनेता रहे। वे भारत के रक्षा मंत्री और देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। वहीं डिंपल के पिताश्री आरसीएस रावत सेना में कर्नल के पद पर रहे।

शिक्षा
डिंपल ने जहां लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकाम किया तो वही अखिलेश ने मैसूर यूनिर्वसिटी से बैचलर आफ इंजीनियरिंग और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। तब अखिलेश यादव ने शायद ख्वाब में भी यह नहीं सोचा होगा कि वे इंजीनियर बनते-बनते अचानक राजनीति में आ जायेंगे लेकिन कहते हैं कि पारिवारिक परिवेश इंसान के इरादों को बदल सकता है और यही हुआ इनके साथ। 

पहला बड़ा मोड़
इस जोड़ी के जीवन में पहला बड़ा बदलाव उस वक्त आया जब विवाह के कुछ दिन बाद ही अखिलेश यादव की राजनीति में एंट्री हो गयी। पहली बार उन्होंने वर्ष 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में धमाकेदार जीत अपने नाम की। तब लोगों ने अखिलेश की अचानक हुई इस पॉलिटिकल एंट्री को लेडी लक माना। इसी लेडी लक और अपनी लगन, कर्मठता, ईमानदारी और सच्चे हौसले के कारण उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले देश में आज अखिलेश यादव की गिनती भारत के पहले दस दिग्गज नेताओं में होती है।

हाल में ही हुए आम चुनावों इनकी समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ढ़ाई दशक के छोटे से राजनीतिक जीवन में अखिलेश ने हर बार सफलता को चूमा है। ये जहां 5 बार लोकसभा, 1-1 बार विधान सभा और विधान परिषद के लिए चुने गये वहीं महज 39 साल की उम्र में 25 करोड़ की घनी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के लगातार 5 साल तक बेहद कामयाब मुख्यमंत्री रहे। 

पारिवारिक सामंजस्य
कहते हैं हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है। इस कहावत को एक बार फिर सच कर दिखाया डिंपल यादव ने। अखिलेश जहां राजनीतिक मोर्चे पर एक के बाद एक कामयाबी का परचम लहरा रहे थे तो वहीं डिंपल परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए अपनी दोनों पुत्रियों अदिति और टीना तथा पुत्र अर्जुन की शिद्दत से परवरिश कर रही थीं। 

चुनौतियां
कहते हैं इंसान कितना भी बड़ा क्यों न हो…हर एक के जीवन में धूप-छांव का दौर चलता ही रहता है और अखिलेश-डिंपल भी इससे अछूते नहीं रहे। बात चाहे 2012 में मुख्यमंत्री बनने की रही हो या फिर 2016 में परिवार से उपजी कुछ चुनौतियां। इन सब बाधाओं से अखिलेश…डिंपल का हाथ पकड़े-पकड़े निरंतर आगे बढ़ते रहे।

डिंपल की राजनीतिक एंट्री
इसको शायद इत्तफाक ही कहा जायेगा कि पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाते-निभाते न चाहते हुए भी आर्मी के बैकग्राउंड से आने वाली डिंपल को अचानक राजनीति की कठिन डगर चुननी पड़ी लेकिन यह राह उनके लिए आसान नहीं रही। जब समाजवादी पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी, तमाम नेता केन्द्र और राज्य में सत्ता न होने के कारण पार्टी छोड़कर जा रहे थे तब डिंपल को राजनीति के मैदान में खुद उतरना पड़ा और उनको पहली सफलता 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत के रुप में मिली।

हालांकि इससे पहले डिंपल ने 2009 में फिरोजाबाद से लोकसभा का उप-चुनाव लड़ा था और कुछ मतों से पीछे रह गयीं लेकिन इस एक असफलता ने डिंपल के इरादों को शायद और फौलादी बना दिया। इसके बाद 2014, 2022 और 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अपनी जीत का परचम लहराया। 

सौम्यता और सादगी की मिसाल
एक दशक लंबे अपने संसदीय जीवन में डिंपल ने देश की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनायी है। उन्होंने अपने इरादे लोकसभा में पहले संबोधन से ही जाहिर कर दिये थे कि वे राजनीति में लंबी रेस की खिलाड़ी हैं। अपने संसदीय जीवन की शुरुआत से ही डिंपल महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ मुखर होकर बोलने लगीं। 

नेताजी का निधन
गांव की पगडंडियों पर चलकर अपने संघर्ष की बदौलत भारतीय राजनीति के क्षितिज पर हमेशा चमकने वाले और नेताजी तथा धरतीपुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह यादव का अक्टूबर 2022 में निधन हो गया। यह वह वक्त था जब इस जोड़ी के सिर से पिता का साया उठ गया। तब डिंपल ने परिवार की बहू के कर्तव्य को बखूबी निभाया। अंतिम संस्कार के वक्त लाखों की भीड़ में भी अकेले भावुक अखिलेश जब असहनीय शोक में डूबे थे तब डिंपल ने ही आगे बढ़कर उन्हें संभाला।

डिंपल की सौम्यता, अखिलेश के इरादे
राजनीति से इतर डिंपल यादव जहां अपनी सादगी, सौम्यता और प्रतिभा के लिये जानी जाती हैं वहीं अखिलेश यादव अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के साथ-साथ मजबूत इरादों और प्रयोगवादी विचारों के लिए चर्चित हैं।

डिंपल-अखिलेश को गणमान्य लोगों की बधाई 
वरिष्ठ विधिवेत्ता, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और वरिष्ठ राज्य सभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी; डॉ, निवेदिता पांडेय, सुप्रसिद्ध गेस्ट्रोएंटेटोलॉजिस्ट, सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली;  अरुण भटनागर, विदेशी एवं आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ, प्रख्यात लेखक एवं पूर्व सचिव भारत सरकार समेत कई गणमान्य लोगों ने डिंपल और अखिलेश यादव को उनकी शादी की रजत वर्ष के खास मौके पर अपनी शुभकामनाएं दीं हैं।

लाखों दंपत्तियों के रोल मॉडल
मधुर दाम्पत्य के सुनहरे सफर के सपने देखने वाले लाखों जोड़े आज अखिलेश और डिंपल की गृहस्थी को एक दंपत्ति के रूप में आदर्श मानते हैं और इनके जैसा ही सफल वैवाहिक जीवन जीना चाहते हैं।

शुभकामनाएं
अपना हक न्यूज़ : परिवार भी अखिलेश यादव और डिंपल यादव को उनके विवाह की रजत जयंती के शुभ अवसर पर अपनी अनंत शुभकामनाएं और बधाई देता है और परमपिता परमेश्वर से कामना करता है कि ये जोड़ी यूं ही देश और समाज की सेवा करती रहे। 

www.youtube.com/@apnahak

Tags: 2024
Previous Post

‘हिंदू जोड़ो यात्रा’: जातिवाद और छुआछूत खत्म करने की पहल

Next Post

नेता चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए, जो पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत है

Sandeep singh

Sandeep singh

Apna Hak News : Cheaf Editor Event Organizer

Next Post

नेता चुनने में सावधानी बरतनी चाहिए, जो पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत है

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Browse by Category

  • Accidents
  • All News
  • Business
  • Crime
  • Education
  • Find & Lost
  • Food
  • Gaming
  • Industries
  • Jobs & Career
  • Notices & Announcement
  • Politics
  • Properties
  • Railways
  • Science
  • Tenders & Contracts
  • Transportation
  • Travel
  • World
  • About us
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Privacy policy
  • Terms and conditions

© 2024 Apna Hak News Designed By Get DIgital Viu.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • All News
  • Contact us
  • Support & Help Desk
  • F.A.Qs
  • Terms and conditions
  • Privacy policy
  • Disclaimer
  • Login
  • Sign Up

© 2024 Apna Hak News Designed By Get DIgital Viu.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?